इस सुन्दर रात में
सुख निद्रा को खोने वाले तुम कौन हो
तुझे कुछ भी परिचय नहीं है
मेरी चिर निद्रा को नष्ट करने केलिए
तुम बहुत परिश्रम करते हो क्यों
तुम बहुत परिश्रम करते हो क्यों
मेरी सुन्दर सपनों को भी बाधा डालकर
तुम क्यों आये हो
तेरे आगमन से मुझे नींद भी न आई है
तुम आकर मरे शरीर पर हाथ पटकते समय
मुझे दर्द आती है
तेरे प्रेम मय आगमन को
स्वीकार करना मुझे बहुत अफसोस की बात है
तेरा नाम है क्या तुम्हारा घर कहां
तुम कौन हो तुम कौन हो
नाम नहीं है तो में उचित नाम देती हुं
तारा नाम ही खटमल ...........
---- संतोष
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